पिछले कुछ वर्षों में देश में युवा प्रतिभाओं द्वारा शुरू किए जाने वाले स्टार्ट-अप्स और उन्हें मिली सफलता को देखकर अब तक नौकरी के पीछे भाग रहे युवाओं की सोच बदलती दिख रही है। तरह-तरह की स्टार्ट-अप कंपनियों से उन्हें प्रेरणा मिल रही है और उनमें उद्यमिता, यानी एंटरप्रेन्योरशिप की इच्छा हिलोर मार रही है।
बेसिक स्किल्स
अगर आप भी करियर के रूप में नौकरी के बजाय अपनी पसंद का कारोबार करने में दिलचस्पी रखते हैं, तो इसके लिए आपको अभी से इस दिशा में तैयारी करनी होगी। अगर आप 11वीं या 12वीं में पढ़ रहे हैं, तो सबसे पहले गुणवत्तायुक्त शिक्षा पर ध्यान देते हुए अपने नजरिये को व्यापक बनाना होगा। बेहतर यही होगा कि आप 12वीं के बाद अपनी पसंद की किसी प्रोफेशनल स्ट्रीम से ग्रेजुएशन करें।
प्रोफेशनल स्टडी के रूप में आप बीटेक, डिप्लोमा, बीबीए, बीसीए, होटल एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट, डिजाइनिंग आदि की पढ़ाई कर सकते हैं। अंडर-ग्रेजुएट कोर्स करने के बाद अगर अपनी योग्यता और बढ़ाना चाहें, तो पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर सकते हैं। एंटरप्रेन्योरशिप के लिए एमबीए या पीजीडीएम करना भी बेहद उपयोगी हो सकता है।
जानें बुनियादी बारीकियां
आप जिस भी क्षेत्र में बिजनेस आरंभ करना चाहते हैं, उससे जुड़ी सभी बातों को जानने-समझने का प्रयास करें। ऐसा करके आप अपने कारोबार के सफल होने की संभावना कई गुना बढ़ा सकते हैं। उस बिजनेस से जुड़े लोगों से मिलें-जुलें और विनम्रता के साथ उनके अनुभव-सबक सुनें, उनसे सीखें। हो सके, तो ऐसे संस्थानों को कुछ समय के लिए जॉइन भी कर लें।
इससे आपको उस काम से जुड़ी बातों का व्यवहारिक ज्ञान हो सकेगा। किसी के बताने और किताबों में पढऩे से ज्यादा आप प्रेक्टिकली काम सीख सकते हैं। इससे आपको यह भी पता चल सकता है कि उस काम में कहां-कहां दिक्कत आती है और उसे कैसे सुलझाया जा सकता है।
मार्केटिंग की संभावनाएं
आप जिस फील्ड में काम करने जा रहे हैं, उसमें आपके प्रोडक्ट या सर्विसेज का मार्केट क्या होगा, उस तक कैसे पहुंचेंगे, कैसे पब्लिसिटी करेंगे, नेटवर्क कैसे बनाएंगे आदि जैसी बातों पर पूरा होमवर्क पहले ही कर लें, ताकि काम शुरू होने पर अचानक समस्या सामने न आए।
आर्थिक तैयारी
किसी भी बिजनेस के लिए एक न्यूनतम पूंजी की जरूरत होती है। इसे आप अपनी बचत, घर-परिवार के सहयोग या फिर बैंक/ एनबीएफसी से लोन के रूप में जुटा सकते हैं। आपको यह भी देखना होगा कि आपके काम का रिटर्न कब से मिलना शुरू होगा। आपको उस समय तक के लिए रिजर्व फाइनेंस की व्यवस्था करके रखनी होगी।
टेक्निकल सपोर्ट
आज के समय में किसी भी तरह का काम आरंभ करने के लिए मैनुअल से ज्यादा टेक्निकल सपोर्ट पर ध्यान दिया जाता है, ताकि कम समय में गुणवत्तायुक्त प्रोडक्ट या सर्विस उपलब्ध कराई जा सके। अगर आप किसी तरह का प्रोडक्शन करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको एडवांस मशीनें लगानी होंगी और अगर किसी तरह की सर्विस प्रदान कर रहे हैं, तो ऑनलाइन, ईमेल, डिजिटल मार्केटिंग, फेसबुक, यूट्यूब, ऐप्स आदि के स्तर पर खुद को तैयार रखें।
भरोसेमंद, मजबूत टीम
अपने बिजनेस या स्टार्ट-अप के लिए स्टाफ रखते समय बेहद सतर्क रहें। मल्टीटास्कर, डेडिकेटेड और पॉजिटिव एटिट्यूड रखने वाले ऐसे स्किल्ड लोगों को रखें, जिनमें विनम्रता के साथ सीखने की उत्सुकता हो। जो आपकी बातों को गौर से सुनकर उन्हें सफलता के साथ पूरा करने की रणनीति बनाएं। टीम के सदस्य मिलकर काम करें। वे नियमित रूप से मार्केट और इंडस्ट्री पर नजर रखते हुए नए विचार सामने रखें।
संभलकर रखें कदम
हर तरह की बारीकी की जानकारी हासिल करने और जरूरी संसाधन जुटाने के बाद आप काम की शुरूआत कर सकते हैं। अच्छे शुरूआती नतीजों से ज्यादा जोश में आने या खराब नतीजों से हतोत्साहित होने के बजाय संयम बनाए रखें। आरंभिक असफलता से घबराएं नहीं, बल्कि इस बात पर विचार करें कि आखिर किस कारण ऐसा हो रहा है, चूक कहां हो रही है। इस बात का पता लगाने के बाद कमी को दूर करने का प्रयास करें। अपने नजरिये को हमेशा सकारात्मक रखें।
आप भी बन सकते हैं स्मार्ट एंटरप्रेन्योर