इर्शा ने दस्तक दी बन कर हमार
प्यार हुआ गुल रूठ गया यार
नफरत ने घर कर लिया दिल में
सकूं पड़ गया बड़ी मुश्किल में
क्रोध हुआ जानशीन जो
पूछे अपना ही पता फिर वो
लालच बढ़ा गया और तृष्णा
अब क्या करेंगे अपने कृष्णा
तो प्राणी अब मन की आँखें खोल
बम बम भोले बोल बस बम बम भोले बोल
मंजीत राजबीर ©️