रहम करले,ज़रा उस पर
जो रहे हरदम, तेरे आगे
झुक-झुक कर
जब देखो, ठोकर उसे लगाता है
वो भी तो,कमा कर ही खाता है
जिसे तू नौकर-नौकर,बुलाता है
जहां में बता, कौन नहीं नौकर
फर्क सिर्फ, बड़ा तो कोई छोटा है
चाहे राजा हो,चाहे रंक
बता किसके यहां, पैसों का पेड़
होता है
अपनी मेहनत का कोई, भी खाये
क्यूंकर कोई उसको,नीचा दिखाये
क्यूंकर कोई उसको,ठोकर लगाये
कमतर समझ, क्यूंकर,सताये
सम्मान कर, उसके परिश्रम का
मांग कर तो नहीं,पा रहा निज कर्म का
बाकि प्राणी तू, इतना जान ले
हस्ती इतनी, नहीं तेरी कि
तू ख़ुद को किसी का, मालिक बुलाये
मालिक वही,हम सबका बस एक
जिसके आगे,सबने है हाथ फैलाए
फिर तू कौन, जो किसी को
नौकर बुलाये,या ठोकर लगाये
Trishla Gudda
फिर तू कौन