बहूँ ने सांस से पूछा की
माँ आप पहले जब इस
घर में आए थे
तब आपने क्या महसूस किया था
तब आपने जीवन की क्या सीख पाई थी
तभी सास ने जवाब दिया की
मैंने जो महसूस किया था
वो तुम आज कर रही हों
मैंने जब मैरा पहला घर छोड़ा था
तब मैंने नयें रिश्तों को जोड़ा था
जिसमें मैंने,
अपनों की ख़ुशी को ही सोचा था
जिसमें,
मेरे पिता ने मुझे किसी को दान में दिया था
जिसमें,
मैंने कुछ नयी समझ बनाई थी
जिसमें मैंने,
दो सागर को एक जगह मिलते देखा था
बस मैंने इतना ही देखा था
और तुम भी
यही देखोगी
क्यों की,
मैं भी एक ज़माने में
कभी किसी की बहूँ थी !!!
कभी किसी की बहूँ थी !!!