बेवकूफी की समझ

 


 


समझ समझ


कर सब समझदार समझते हें


खुद कों अलग कर,


 सब होशियारी समझते हें


खुद कों


 


मुसीबत में खुद हो भले


फिर भी, लाट साहब समझते हें


खुद को


 


और तो और


जब मौत आकर खड़ी हो जाती है, सामने को


तब भी, उसको शान समझते हें


खुद की


 


यही कारण है


इसलिए तो लोग


बेवकूफी की हद पार कर भी


मालामाल समझते हें, खुद को !!!


मालामाल समझते हें, खुद को !!!