शैक्षणिक संस्थानों की उन्नति का रास्ता उच्च स्तरीय शोध कार्य से प्रशस्त होगा-प्रोफेसर राजबीर
समाज की प्रगत्ति गुणवत्ता युक्त मानव संसाधन के जरिए संभव-डॉ. रणबीर मलिक
हर्षित सैनी
रोहतक, 30 नवम्बर। वैश्विक स्तर पर भारतीय शिक्षा व्यवस्था को स्थापित करने, गुणवत्तापरक शिक्षा प्रणाली सृजित करने और उच्चतर शिक्षा को सामाजिक उत्थान के लिए प्रयोग में लाने के लिए आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मंथन किया गया। शोध प्रविधि विषय पर इस बहू विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह ने इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों की उन्नति का रास्ता उच्च स्तरीय शोध कार्य से प्रशस्त होगा। कुलपति ने विश्वविद्यालय में गुणवत्तापरक शोध संस्कृति विकसित करने का आह्वान किया।
उन्होंने शोधकर्ताओं को इंटर डिसिप्लिनरी रिसर्च करने को कहा। उनका कहना था कि शोधार्थियों को गुणवत्ता परक तथा स्तरीय प्रकाशन में शोध आलेख प्रकाशित करवाना चाहिए शिक्षा विभाग को इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के लिए हार्दिक बधाई दी।
ऑस्ट्रेलिया तथा इंडोनेशिया में प्रोफेसर रहे डॉ. रणबीर मलिक ने अपने विशेष व्याख्यान में कहा कि आज का युग डिजिटल सोसाइटी का युग है। उन्होंने कहा कि आईसीटी क्रांति के चलते शिक्षा में प्रतिमान बदलाव आया है। उच्चतर शिक्षा में क्रिएटिव तथा क्रिटिकल थिंकिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग तथा कंवर्जेंट एजुकेशन के महत्व पर प्रकाश डाला।
डा. मलिक ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत तथा इंडोनेशिया में उच्चतर शिक्षा व्यवस्था प्रणाली का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि समाज की प्रगत्ति गुणवत्ता युक्त मानव संसाधन के जरिए संभव है।
श्रीलंका से आए प्रोफेसर डॉ. टी. धनराज ने कहा कि 21वीं सदी बदलाव की सदी है। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने जीवन तथा शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी और शोधार्थी को डिजिटल लर्निंग प्रक्रिया से जुड़ना होगा।
थाईलैंड से आए प्रतिष्ठित क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश कुमार सिंह ने उच्चतर शिक्षा में मनोविज्ञानिक पहलुओं की चर्चा की। प्रतिष्ठित शिक्षाविद डॉ. सीपी माथुर ने रिसर्च एथिक्स पर अपने व्याख्यान में फोकस किया। प्रोफ़ेसर माथुर ने कहा कि शोध में मूल्यों को सुनिश्चित करें।
इससे पूर्व शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर जितेंद्र कुमार ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि उच्चतर शिक्षा का आधार शोध है। इस सम्मेलन में उच्चतर शिक्षा तथा शोध के विविध पहलुओं पर मंथन होगा। सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. उमेन्द्र मलिक ने इस सम्मेलन के थीम पर प्रकाश डाला। डॉ. उमेन्द्र मलिक ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में गुणवत्तापरक तथा संख्यात्मक शोध, शोध के लिए नए सॉफ्टवेयर, रिसर्च इनोवेशन शोध के एथिकल मुद्दों आदि पर मंथन होगा। इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 4 तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे।
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