फैसलें की सुई
फैसले का पडाव भी
कितना चौकाता हैं
जो जहाँ से सोचे
वो वहीँ से टूट जाता है
जो जितना माँगता है
उसका फैसला ही
बीच में अड़ जाता है
किस्मत बोले इसकों
या फिर
एक हवा का झोंका
क्यों कीं
फैसले की सुई तो
बुरे वक्त के काटों
पर ही रूक जाती है !!!
बुरे वक्त के काटों
पर ही रूक जाती है !!!